Kisan Credit Card Yojana 2023 : इतना तो आप जानते ही होंगे कि हमारा देश जनसंख्या के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। हमारे देश की अधिकांश जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय खेती-किसानी है। इसलिए भारत को एक कृषि प्रधान देश कहा जाता है। भारत को कृषि प्रधान देश बनाने में इस देश के किसानों का बहुत अहम योगदान है। इन्ही किसानों की वजह से आपको अनाज प्राप्त होता है। यह किसान दिन रात मेहनत करते हैं तब कहीं जाकर फसल तैयार होती है। जिसके बाद मंडियों में और अन्य देशों के लिए अनाज का भेजा जाता है। किन्तु आज के समय में देश का अन्न-दाता बहुत परेशान है। उसे सरकार द्वारा फसल का उचित दाम नहीं मिलता और न ही समय से किसान की फसल का भुगतान होता है।
किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए अक्सर धन की आवश्यकता होती है। अगर आप अब तक इस योजना से अनजान थे तो अब खेती से जुड़े खर्चों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. आपके पास अपनी जमीन गिरवी रखने और बहुत कम ब्याज दर पर कृषि ऋण प्राप्त करने का विकल्प है। यह ऋण आमतौर पर किसान क्रेडिट कार्ड या ग्रीन कार्ड के माध्यम से लिया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से किसानों के लिए बनाई गई है।
जब हमारे देश का किसान दिन रात देखे बिना मेहनत कर रहा है तो सरकारों को भी चाहिए कि किसानों का पूरा ध्यान रखा जाये और उनकी सुविधा के लिए समय-समय पर योजनाओं को लागू किया जाये। फिर भी केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में कुछ योजनाएं, जैसे – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम किसान योजना आदि चलायी जा रही हैं। इसी कड़ी में आज हम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में बताएंगे।
Kisan Credit Card Yojana 2023
किसान क्रेडिट कार्ड योजना केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना की शुरुआत भारत सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नाबार्ड के सहयोग से सन 1998 में शुरू की थी। क्रेडिट कार्ड योजना में किसानों को बहुत ही कम ब्याज दर पर कृषि ऋण दिया जाता है। जिसे KCC कहते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सूदखोरों से मुक्ति दिलाना है। किसान क्रेडिट योजना के माध्यम से किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर बैंकों द्वारा कृषि ऋण (KCC) उपलब्ध कराया जाता है। जिससे किसान को जरुरत के समय पैसा मिल जाता है और वह मेहनत के साथ खेती करने लगता है।
जब फसल तैयार हो जाती है तब उसे बेचकर अपना कृषि ऋण (KCC) चुकता कर देता है। एक निश्चित अवधि के अंतर्गत ऋण का पैसा जमा कर देने पर किसान को अधिक ब्याज नहीं देना पड़ता और उसकी स्थिति (Record) बेहतर बनी रही है। वास्तव में किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा किसान को बहुत सहूलियत मिलती है यदि समय से बैंक द्वारा उसका KCC स्वीकृत हो जाये। वह समय से फसल तैयार कर सकता है और जरुरत के अनुसार KCC का पूरा फायदा उठा सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है
किसानों की परेशानियों को देखते हुए सन 1998 में केंद्र सरकार ने नाबार्ड (National bank for Agriculture and Rural Development )और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की थी।इस योजना को शुरू मुख्य उद्देश्य किसानों को कम व्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराना है।यदि किसानों को कम व्याज और समय पर रुपये मिल जाएंगे तो वह समय पर अपनी फसल में लागत लगा सकते हैं। इस योजना में मध्यम वर्ग के किसानों के लिए 3 लाख तक के कृषि लोन पर 7%वार्षिक व्याज की दर से उपलब्ध होगा ,अगर किसान अपनी फसल को बेच कर समय पर लोन जमा कर देता है तो उसे 3% की अतिरिक्त छूट प्रदान की जायेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड KCC के लिए आवश्यक दस्तावेज
आज के समय में सरकार का बैंको को अधिक से अधिक कृषि ऋण उपलब्ध कराने का आदेश है जिससे किसानों को कृषि कार्य में कोई रुकावट पैदा न हो। किसान जब कृषि ऋण के लिए बैंक में जाता है तो बैंक कर्मचारियों द्वारा कुछ आबश्यक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाता है,जब ये आवश्यक दस्तावेज बैंक को उपलब्ध करा दिये जाते हैं तब किसान की एक फ़ाइल तैयार की जाती है जिसे KCC फॉइल कहा जाता है । कृषि ऋण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक है-
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- खसरा
- खतौनी
- शपथ पत्र
- हिस्सा प्रमाण पत्र
- फोटो
जब आप ये सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज बैंक में जमा कर देंगे तब बैंक स्वयं ही कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज तहसील से बनवा लेती है।इसके बाद बैंक अपने पैनल के वकीलों के द्वारा एक बारह साला वनबा सकती है । वैसे तो वर्तमान में 1.60लाख से अधिक के ऋण पर आवश्यक होता है।इस प्रकार सारे दस्तावेज तैयार होने के बाद आपकी फ़ाइल पास हो जाती है और रुपये किसान के बैंक खाते में आ जाते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना लाने के पीछे क्या कारण हैं
इस योजना के शुरू होने से पहले किसानों के द्वारा केवल सूदखोरों से ही पैसा लिया जाता था, सूदखोर किसानों को बहुत अधिक व्याज दर पर पैसा दिया करते थे। किसान यह पैसा अपनी फसल में लगा देता था यदि फसल अच्छी नही होती थी तो किसान उसका कर्ज नही दे पाता था और उसके कर्ज पर व्याज के ऊपर व्याज लगा दिया जाता था और किसान उस सूदखोर के जाल में फसता चला जाता था,इस प्रकार किसान को एक दिन अपनी जमीन को उस सूदखोर को दे देनी पड़ती थी।इस प्रकार किसान को अपनी जमीन से हांथ धोना पडता था। किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू होने से किसानों को बहुत ही कम व्याज दर पर क़ृषि ऋण उपलब्ध है।
KCC योजना: संछिप्त विवरण
योजना का नाम | किसान क्रेडिट कार्ड KCC |
किसके द्वारा लॉंच की गई | भारत सरकार के द्वारा |
किसको लाभ मिलेगा | देश के सभी किसानों को |
उद्देश्य | देश के अन्न दाताओं को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmkisan.gov.in |
एक किसान क्रेडिट ऋण की कितनी समय-सीमा होती है
भारत सरकार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा एक लंबे समय तक और कम व्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती है। एक KCC फ़ाइल की अधिकतम समय सीमा 5 वर्ष की होती है । 5 वर्षों बाद किसान को इस फ़ाइल का नवीनीकरण कराना होता है लेकिन इस ऋण का व्याज हर वर्ष जमा करना होता है।किसानों को हर वर्ष अपने दस्तावेज जमा नहीं करने होते हैं। किसानों को 5 वर्ष बाद जब फ़ाइल की समय सीमा समाप्त हो जाती है तब अपने दस्तावेज फिर से जमा करने होते हैं और किसानों को दुबारा से ऋण उपलब्ध हो जाता है। यह चक्र चलता रहता है और किसान उन्नति करता रहता है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर लागू व्याज दरें
देश की सरकार किसानों को कृषि कार्य हेतु ऋण उपलब्ध कराती है इसी को KCC कहा जाता है।किसान अपनी जमीन के कागजात बैंकों के पास जमा करते हैं और बैंक उनको ऋण उपलब्ध कराती है । बैंक इस ऋण पर बहुत कम व्याज लेती हैं। यदि किसान समय पर अपना ऋण जमा करते हैं तो सालाना 4% व्याज की दर से उन्हें ऋण चुकाना पड़ता है ।किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की दरें कुछ परस्थितियों के साथ बदलती रहती हैं जो निम्नलिखित हैं-
- यदि किसान समय पर अपना ऋण बैंक में जमा करते हैं तो बैंक द्वारा किसानों से मात्र 4%की दर से व्याज लिया जाता है ।
- यदि किसान समय पर अपना ऋण जमा नहीं कर पातें हैं तो उनसे 12 से 13%तक का व्याज किसानों से लिया जाता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड की समय सीमा 5 वर्ष की होती है लेकिन किसानों को सालाना व्याज जमा करना होता है।
- जब एक बार ऋण की फ़ाइल बन जाती है तो किसान जब चाहें पैसा जमा और निकाल सकता है।
- माना आप ने बैंक से100000 रुपये का ऋण लिया है तो आप को एक वर्ष के अंदर 7%की दर से 107000 रुपये बैंक में जमा करने होंगे।
- अगले दिन बैंक फिर से ऋण का पैसा आपके खाते में पुनः भेज देती है।
- यदि समय पर ऋण अदा किया जाता है तो3% की छूट का पैसा अगले वर्ष तक आपके खाते में आ जाता है।
- यदि समय से लोन को जमा नहीं किया जाता है तो बैंक द्वारा 12 से 13% तक का व्याज लिया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसानों को होने वाले लाभ
किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों का विकास करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई है इससे किसानों को निम्नलिखित लाभः हुए हैं-
- इस योजना के आने से किसानों को समय पर पैसा मिल जाता है और वे समय पर अपनी फसल में खाद बीज डाल सकते हैं।
- इस योजना का मुख्य लाभ यह है कि किसानों को सूदखोरों से छुटकारा मिल गया है जो बहुत अधिक व्याज दर पर पैसा दिया करते थे।
- सरकार का बैंकों को अधिक से अधिक KCC करने का आदेश है।
- किसान अपनी नजदीक की बैंक शाखा में जाकर ,आसान शर्तों में किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ ले सकते हैं।
- इस योजना के आने से किसानों की फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है और किसान प्रगतिशील बन रहा है।
KCC किसान क्रेडिट कार्ड योजना का उद्देश्य
किसान क्रेडिट कार्ड योजना को केंद्र सरकार ने नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से सन 1998 में जारी किया था, इस योजना को लाने के पीछे केंद्र सरकार के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
- केंद्र सरकार का इस योजना को बनाने के पीछे किसानों को सूदखोरों के चंगुल से मुक्ति दिलाना है।
- इस योजना के आने से पहले किसानों के पास फसल में समय पर खाद पानी लगाने के पैसे नहीं होते थे लेकिन अब किसानों की फसलों में समय पर खाद पानी लग रहा है।
- सरकार का इस योजना को जारी करने का उद्देश्य किसानों को कम व्याज पर ऋण उपलब्ध कराना है।
- सरकार किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ाना चाहती है जिससे किसानों का विकास हो सके।
- सरकार को अच्छी तरह से पता है कि जब तक किसानों का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं होगा इसलिये सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाना चाहती है।
असमय मृत्यु होने पर किसान क्रेडिट कार्ड का भुगतान कौन करेगा
सरकार ने इस योजना को किसानों के हित के लिए तैयार किया है ,यदि किसान की असमय मृत्यु हो जाती है तो किसान द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी किसान की भूमि में दर्ज वारिस को करना पड़ेगा यदि वह ऋण को जमा करने में असमर्थ है तो बैंक किसान की जमीन को बेंच कर ऋण को वसूल कर लेती है।
आज हमने इस लेख के माध्यम से आपको भारत सरकार की योजना किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में विस्तार जानकारी देने का प्रयास किया है, हमें विश्वास है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।
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